Friday, December 18, 2009

गर्भावस्था मे कुछ सावधानियां !!


एक औरत अपने को तभी पूर्ण मानती है जब वह अपनी कोख से बच्चे को जन्म देती है। लेकिन शिशु को जन्म देने के लिए नौ माह का लम्बा सफ़र तय करना पडता है। यदि इस दौरान सब कुछ ठीक रहा तो वह स्वस्थ शिशु को जन्म दे कर अपनी मनोकामना पूर्ण करती है लेकिन कई बार गर्भवती (pregnant) महिलाओं के साथ कोई अप्रिय हादसा हो जाता है और वह मातृत्व सुख से वंचित रह जाती है। यदि वे कुछ बातों का ध्यान रखें तो वे बिना किसी अड्चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।
जैसे ही पुष्टी हो जाती है कि आप गर्भवती (pregnant) हैं उसके बाद से प्रसव होने तक आप किसी स्त्री रोग विशेष्ज्ञ की निगरानी मे रहें तथा नियमित रुप से अपना चैक-अप कराती रहें ।
  • गर्भधारण के समय आपको अपने ब्ल्ड ग्रुप, विशेषकर आर. एच. फ़ैकटर की जांच करनी चाहिए। इस के अलावा हीमोग्लोबिन की भी जांच करनी चाहिए।
  • यदि आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थाइराइड आदि किसी रोग से पीडित हैं तो गर्भावस्था(pregnancy) के दौरान नियमित रुप से दवाईयां लेकर इन रोगों को नियंत्रण में रखें।
  • गर्भावस्था (pregnancy) के प्रारंभिक कुछ दिनों तक जी घबराना, उल्टियां होना या थोडा रक्त चाप बढ जाना स्वाभाविक है लेकिन यह समस्याएं उग्र रुप धारण करें तो डाक्टर से सम्पर्क करें।
  • गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान पेट मे तीव्र दर्द और योनी से रक्त स्राव होने लगे तो इसे गंभीरता से लें तथा डाक्टर को तत्काल बताएं।
  • गर्भावस्था (pregnancy) मे कोई भी दवा-गोली मन से न लें और न ही पेट मे मालिश कराएं। बीमारी कितना भी साधारन क्यों न हो, डाक्टर की सलाह के बगैर न लें। यदि किसी नए डाक्टर के पास जाएं तो उसे इस बात से अवगत कराएं कि आप गर्भवती (pregnant) हैं क्योकि कुछ दवाएं गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव छोडती है।
  • डाक्टर की सलाह पर गर्भावस्था (pregnancy) के आवश्यक टीके लगवाएं व आयरन की गोलियों का सेवन करें।
  • गर्भावस्था (pregnancy) मे मलेरिया को गंभीरता से लें तथा डाक्टर को तत्काल बताएं।गंभीरता से चेहरे या हाथ-पैर मे असामान्य सूजन, तीव्र सर्द दर्द, आखों मे धुंधला दिखना और मूत्र त्याग मे कठिनाई की अनदेखी न करें, ये खतरे के लक्षण हो सकते हैं ।
  • गर्भ की अवधि के अनुसार गर्भस्थ शिशु की मुवमैन्ट होनी चाहिए। यदि बहुत कम हो या नही हो तो सतर्क हो जाएं तथा डाक्टर से संपर्क करें।
  • आप के कोख से एक स्वस्थ शिशु जन्म लें, इस के लिए अवश्यक है कि गर्भधारण और प्रसव के बीच आप के वजन मे १० कि. ग्रा. की वृद्धि अवश्य हो ।
  • गर्भावस्था (pregnancy) मे न अत्यंत तंग कपडे पहने और न ही अत्याधिक ढीले।
  • इस अवस्था में ऊची ऎडी के सैंड्ल न पहने। जरा सी असावधानी से आप गिर सकती है
  • इस नाजुक दौर मे भारी श्रम वाला कार्य नही करने चाहिए, न ही अधिक वजन उठाना चाहिए। सामान्य घरेलू कार्य करने मे कोई हर्ज नही है।
  • इस अवधि मे बस के बजाए ट्रेन या कार के सफ़र को प्राथमिकता दें ।
  • आठ्वें और नौवे महीने मे सफ़र न ही करें तो अच्छा है।
  • गर्भावस्था (pregnancy) मे सहवास में कोइ हर्ज नही है लेकिन वह सुरक्षित हो।
  • गर्भावस्था (pregnancy) मे सुबह-शाम थोडा पैद्ल टहलें ।
  • चौबीस घंटे मे आठ घंटे नींद अवश्य लें।
  • प्रसव घर पर कराने के बजाए अस्पताल या नर्सिगं होम में किसी स्त्री रोग विशेष्ज्ञ से कराना सुरक्षित रहता है।
  • गर्भावस्था (pregnancy) मे सदैव प्रसन्न रहें। अपनी बैडरुम मे अच्छी तस्वीर लगाए,
  • हिंसा प्रधान या डरावनी फ़िल्में या धारावाहिक न देखें।
Dr. Neha Bidani

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