Monday, December 21, 2009

होम्योपैथी से ल्यूकोरिया का उपचार...

ल्यूकोरिया महिलाओं में होने वाली आम शिकायत है। ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) सदैव किसी बीमारी की वजह से नहीं होता।
योनि मार्ग में लैकटोबेसिलस नामक तत्व के कारण एक हल्का पारदर्शी पानी सरीखा गीलापन बना रहता है। लैकटोबेसिलस योनि मार्ग के पानी की अम्लता को एक संतुलित स्थिति में बरकरार रखता है। इसी अम्लता की वजह से हानिकारक जीवाणुओं की वृद्धि नहीं हो पाती, पर कुछ स्थितियों में योनि मार्ग में सफेद पानी का आना बढ़ जाता है। इस स्थिति को ल्यूकोरिया और आम भाषा में सफेद पानी कहा जाता है।

श्वेत प्रदर का निकलना इन स्थितियों में बढ़ सकता है :
* मासिक चक्र के पहले।
* दो मासिक चक्र के बीच के दिनों में।
* उत्तेजना के समय व इसके बाद।
* कॉपर टी. या मल्टीलोड गर्भ-निरोधक लगा होने पर।
* गर्भावस्था में।
* लड़कियों में मासिक चक्र शुरू होने के बाद।

असामान्य स्थिति:
जब श्वेत प्रदर अधिक गाढ़ा, मटमैला और लालिमा लिए हुए हो, इसमें चिपचिपापन और बदबू आती हो, तब यह समझना चाहिए कि ल्यूकोरिया असामान्य स्थिति में पहुँच चुका है। इसके अलावा जलन, खुजली और चरपराहट होती है। घाव भी हो सकते हैं। इस स्थिति में तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।

संक्रमण से बचाव:
* शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें।
* सूती अंतःवस्त्र पहनें।
* मासिक चक्र के समय स्वच्छ व स्टरलाइज पैड का प्रयोग करें।
* 35 वर्ष की उम्र के बाद हर वर्ष पानी की जाँच कराएँ।


होम्योपैथिक औषधियाँ:

लक्षणानुसार निम्नलिखित दवाएँ अच्छा कार्य करती हैं और कुछ दिनों में रोगी रोगमुक्त हो जाता है। पल्सेटिला, फैल्केरिया, हिपर सल्फ, कैलीक्यूर, बोविस्टा, बोरेक्स, ‍सिपिया, सेबाईना, क्रियोजोट, कार्बो एनिमेलिस, नेट्रम क्यूर, एल्यूमिना, हाईड्रैस्टिस, सल्फर, वाईवर्नम आपुलस इत्यादि।

1 comment:

  1. Thanks for remedies for leucorrhoea. I also suggest herbal treatment for leucorrhoea.Visit http://www.hashmidawakhana.org/lady-care-for-leucorrhoea-treatment.html

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